जब जीवन में बहुत दर्द एक साथ आता है, और सहने के अलावा और कोई चारा नही होता तो हमारे सामने दो ही रास्ते होते हैं - (1)एक तो यह की आप उस दुःख में गहरे डूब जाएं और अवसाद या depression का शिकार हो जाएं,
(2) और दूसरा ये कि आप ये समझे कि ईश्वर आपको संकेत दे रहा है अपने अंदर की आतंरिक ऊर्जा और प्रेम को जगाने का।
असीमित दुःख आपको असीमित प्रेम की ओर खींचने की शक्ति रखता है। वह आपको ईश्वर के करीब ले जाता है, जिसके पास जाने से हम सुख और दुःख दोनों से ही दूर हो जाते हैं।
बस ज़रूरत यह है कि ऐसे समय में हम नकारात्मक ऊर्जा से दूर रहें एवं खुद को उन कार्यो में, उन activities में लगाये जो हमें उस समय को थोड़ा टल जाने में मदद करें, और इस काली रात्रि के बाद के उजाले में हम आगे का रास्ता देख सकें।
ये activities, या कार्य कौनसे हैं जिनसे कि आप नकारात्मकता से बच सकें , अगली पोस्ट में।
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