विभिन्न प्रकार की प्रतियोगी परीक्षाओ में निकलने वाले अभ्यार्थी ये क्यों कहते हैं कि हमने ये दिशा इसलिए चुनी की हमें "देश सेवा " करनी थी , "गरीबो " की "मदद " करनी थी। ऐसा लगता है जैसे देश पर कोई एहसान कर रहे हों , जबकि देश और समाज के लिए काम करना सबका कर्त्तव्य है। समाज आगे बढ़ेगा तो आप भी आगे बढ़ेंगे। सेवा तब होती है जब आपको उसके बदले में कुछ नहीं मिलता (जबकि यहाँ आप एक निश्चित तनख्वाह पाते हैं ). आप गरीबो की "मदद " नहीं करते हैं , क्युकी मदद voluntary होती है पर ये आपके काम के दायरे में आता है और आपको इसी काम के लिए करदाताओं के दिए हुए कर में से वेतन दिया जाता है।
A place for recharging your souls, by inner motivation, positivity and blissful thoughts. आंतरिक प्रेरणा, सकारात्मकता और आनंदित विचारों द्वारा अपने अन्तर्मन को साहस और ऊर्जा देने के लिए एक जगह।
Friday, 10 July 2015
Wednesday, 8 July 2015
If life does not follow your chosen plan,,,, then Definitely Universe has another plan for you , much grander and better than your own plan.....
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