Saturday, 30 May 2020

कौन है आपके जीवन का कम्फर्ट पर्सन Comfort Person in your Life



क्या कभी आपके साथ ऐसा हुआ है कि आप ऑफिस से थके हुए घर पहुचे और खाने को कुछ नहीं था , या फिर रात में देर तक काम कर रहे थे और अब भूख लगने लगी, या फिर यूं ही आपका मूड ऑफ़ है और आपको अब कुछ खाने का मन तो है पर बनाने का नहीं.

ऐसी स्थिति में आप क्या करते हैं? कुछ ऐसा ढूँढ़ते हैं जिसको या तो बनाने की मेहनत कम हो जाए, या जो आपसे जल्दी से बन जाए,  जिसको बनाने का समान आपके पास हर समय हो , और जिसको खाकर आपकी भूख के साथ साथ मन भी शांत हो जाए , और आपको चैन की नींद आ जाए.

इसी खाने की चीज़ को कम्फर्ट फ़ूड (आरामदायक खाना) कहते हैं . कम्फर्ट फ़ूड (comfort food ) वह होता है जो या तो आपको आपके बचपन की याद दिलाता हो, आपके मन को अवसाद की स्तिथि में शांत करता हो, और बनाने में बहुत सरल हो . नहीं नहीं ... ये आपका फेवरेट , सबसे पसंदीदा खाना हो ऐसा ज़रूरी नहीं, क्यूकि शायद उसको बनाने के लिए तो आपको बहुत घंटे लग जाएँगे . ये तो वो है जो कम मेहनत में मिल जाए, और आपको और थकान ना दे

आप विचार करेंगे तो पाएंगे कि यह खाने की चीज़ अक्सर एक सी ही होती है . किसी के लिए ये प्याज़ के पराठे हो सकते हैं (आलू के हुए तो उनको उबलने में समय लगेगा न ) , तो किसी के लिए नूडल्स, या ओट्स, तो किसी के लिए दाल चावल,  या फिर ब्रेड आमलेट , तो किसी के लिए बस फल, चाए और ग्लूकोस बिस्कुट, या फिर  कॉफ़ी फ़िल्टर से धीरे धीरे ड्रिप करके बनाई हुई फ़िल्टर कॉफ़ी (filter coffee).


अब अगर आपने इतना पढ़ लिया है तो अब तक आपके मन में अपने कम्फर्ट food की छवि भी आ ही  गई होगी. हो सकता है आप आगे पढने से पहले अपने कम्फर्ट food को खाने को ले भी आए होंगे.
अब इसी तरह से ज़रा सोचिये कि क्या आपके जीवन में कोई कम्फर्ट पर्सन है जिसके पास आप सरलता से अपनी परेशानिया लेकर जा सकें .
कम्फर्ट food की ही तरह ये इंसान भी सहज रूप से उपलब्ध होता है , आपकी बात को ध्यान से सुनता है , ज़रूरी नहीं कि वो कोई सलाह ही दे, बस आपको थोडा कम्फर्ट, थोडा सुकून दे देता है . आपके दिल के बोझ को आधा कर देता है .

ये इंसान आपकी माँ हो सकती है जो हर स्तिथि में आपकी बात समझती भले ही नहीं पर सुनती ज़रूर है , या फिर आपके पिता , भाई बहिन, दोस्त , कोई अधीनस्त कर्मचारी , आपके बच्चे , या फिर आपका प्यारा सा कुत्ता .

अगर आपके पास ऐसा कोई इंसान है तो उसके लिए ईश्वर को धन्यवाद कीजिये , और उसकी हमेशा कद्र कीजिये . आपके जीवन में मुस्कुराने की एक वजह आपको मिली है . वर्ना तो अक्सर हम क्या नहीं मिला उसी पर फोकस्ड रहते हैं . और जो है उसकी अनदेखी कर देते हैं

अब इस बात की प्रबल संभावना है कि आप कहेंगे कि आपके पास ऐसा कोई व्यक्ति नहीं है . वैसे भी भीड़ में भी आजकल हर व्यक्ति अकेला ही है. तो आपके पास दो बहुत अच्छे उपाय हैं .
पहला : आप दुनिया के सबसे दो सबसे अच्छे कम्फर्ट पर्सन के पास जाएं . मतलब पहले तो खुद के पास , दूसरा  ईश्वर की शरण में .
दूसरा : आप किसी दुसरे में कम्फर्ट की , सुकून की तलाश ना करें , अपितु आप दूसरों के कम्फर्ट पर्सन बन जाएं . दुनिया को बेहतर बनाने के लिए बेहतर लोगों को ढूँढने की नहीं, खुद को बेहतर करने की ज़रुरत होती है . इसलिए आप वो चीज़ दुनिया को ज़रूर दें जो आपको नहीं मिली पर आपमें देने का सामर्थ है .
कभी कभी दूसरो की मदद करते करते भी हमें अपने रास्ते मिल जाते हैं .

 Motivation in hindi

Friday, 29 May 2020

How to overcome your Negative Thoughts मन के बुरे विचारों को कैसे रोकें


Image by Pezibear from Pixabay


Man ke bure vicharo se kaise bache

जब कभी भी जीवन में आपको परेशानिया चारो और से घेर लेती हैं , आप किसी  बुरे हादसे या वक्त से

गुज़र

रहे होते हैं , अपने आप को अकेला पाते हैं , तब ...अक्सर निराशा के बादल हमारी सोच पर हावी होने

लगते हैं . ये निराशा हमें और ज्यादा अंधेरो की तरफ ले जाती है और…. हम चाह कर भी उस स्तिथि से

बाहर नहीं

आ पाते.


कहते हैं कोई परेशानी कभी अकेली नहीं आती, अपने संगी और साथी साथ  में ले कर  आती है,  इसीलिये

जब आप जीवन के किसी एक पहलु में परेशानी का सामना कर रहे होते है  तो बाकि सब पार्ट्स में भी

परेशानी आती ही है.



मसलन आपके ऑफिस में दिक्कत (problem in office) आनी  शुरू होती है, तो उसी समय आपको

पैसो की दिक्कत (financial problem) शुरू,

और हो सकता है की रिश्तो में भी तकरार होनी शुरू हो जाए. जब ऐसा होने लगता है तो उस दलदल से

निकल पाना बहुत ज़रूरी हो जाता है और इसके लिए हमें अपने अन्दर की खोयी हुई शक्ति को फिर से

जगाना पड़ता है.

और इसके लिए सबसे पहले ज़रूरी है की हम अपने बुरे खयालात, हमारे नेगेटिव थॉट्स की श्रंखला से

बाहर निकले. 


ये बुरे विचार आपके ऊपर जितने समय तक हावी रहेंगे , उतना ही आपकी हेल्थ, आपके शरीर को भी

नुक्सान पहुचाएंगे . Negative thoughts affect your health

साथ ही ये आपको डिप्रेशन के कुए तक ले जाएँगे. Negative thoughts lead you to depression

अगर आपको फिर से अपने जीवन को सवारना है,

तो इनसे तो बाहर आना ही होगा. अपने विचारो के एंटीने को दूसरी दिशा में घुमाना ही होगा.

Move mental antenna in other direction 

अब ये कह देना तो बहुत आसान है की अपने विचारो को सकारात्मक कीजिये, अच्छा सोचिये पर करना

बहुत मुश्किल. हमारा मन इतना पावरफुल है 

कि जो उसने बरसो से सीखा है वो उसी के हिसाब से आपको बार बार चलाता है…. और.. कई बार ….

जब तक आप समझ पायें की आपके विचार नकारात्मक दिशा में जा रहे हैं तब तक वो आपसे कई

गलत निर्णय करवा भी लेता है. तो इसलिए अपने आपको बदलने में थोडा समय और थोडा एफर्ट

तो लगता ही है. आपका दिमाग  बुरी स्तिथियों और विचारो को आपकी इस सितिथि में जल्दी

पकड़ता है इसलिए सबसे पहले ज़रूरी है कि  आप अपने इस एंटीने को कुछ समय के लिए बंद कर

सकें, मतलब सोचना थोड़ी देर के लिए रोक सकें. 

Steps to come out of negative thoughts

नीचे हम आपको कुछ स्टेप्स (steps) बता रहे हैं जिन्हें करके आप जल्द ही अपने नेगेटिव थॉट प्रोसेस

(negative thought process) यानी बुरे विचारों की श्रृंखला से बाहर आ पाएंगे-


1. ऐसा करने के लिए आप अपनी फिजिकल बॉडी का, अपने शरीर का इस्तेमाल करें. जिस प्रकार आपका

मन आपके शरीर को प्रभावित कर सकता है, उसी प्रकार आपका शरीर भी मन को प्रभावित करने की

शक्ति रखता है. तो सबसे पहले इस शरीर की एक्टिविटी को, इसकी क्रिया को बढाए. 



अपनी जगह से उठें और थोडा बाहर घूमकर आये.



- हो सके तो पास के पार्क में जाकर बच्चो के संग खेलकर आयें. 

- नहीं तो हिलते हुए पेड़ो को देखें, एक पेड़ का रंग दुसरे से कितना अलग है इसको देखें, 


क्या आपको किसी चिड़िया की आवाज़ सुनाई देती है या फिर बस ट्रैफिक का शोर ही है, !!!


कही ना कही कोई बच्चा हस रहा है, उसकी हसी को सुनें आपको पता चलेगा की आप अपने बचपन

में कैसे हँसते  थे. 

आपने कभी हवा को महसूस तो किया होगा, पर क्या कभी उसको खा कर देखा है. जी हाँ खा कर.

नहीं ना.

थोड़ी बेतुकी बात लगती है. तो आज ये बेतुकी हरकत करे और उसका स्वाद चखें . वैसे भी सिरिअस

बन ने  से अगर  भला हो गया होता तो आज आप यु निराश ना होते . 

आज आप हवा को खाकर देखेंEat the air . लगी ना ठंडी ठंडी 😊😊



चलिए चलिए अभी तो और बहुत कुछ करना है...

2.  अब क्योंकि आज  आपके मन में दुःख और निराशा है तो आज आप... कम से कम एक इंसान के

जीवन में तो कुछ सकारात्मकता फैलाएं ही. वापस जाते समय किसी  एक थोड़े से अजनबी इंसान

को देख कर…. ज़रूर मुस्कुराए. 

चाहे वो आपके ऑफिस के बाहर खड़ा वाचमेन हो, या बस का कंडक्टर, या फिर स्कूल और  टियुशन 

से घर  आते बच्चे, या फिर आपकी बिल्डिंग के बुज़ुर्ग.



3. अरे ...

आज तो  आपको अपने लिए... एक कप चाए या कॉफ़ी  भी बनाकर पीनी है... और वो भी…. डूबते

हुए सूरज को देखते हुए. 

अच्छा आप चाए कॉफ़ी नहीं पीते …..बहुत अच्छी बात है ,,,,, 


चलिए कोई बात नहीं,,,,, पर अच्छा खाना तो आपको खाना ही पड़ेगा. हाँ हाँ आपका मन नहीं है, पर

फिर भी आपको एक एक्सरसाइज की तरह ये तो करना ही है. हो सके तो आज खुद ही कुछ बनाइए,

और कुछ नहीं तो मसालेदार इंस्टेंट  नूडल्स या गोल गप्पे पर तो आपका हक़ है ही  . आखिर कितने

दिन हुए आपने ये सब नहीं खाया  .

मतलब आज आप अपने लिए कुछ अच्छा ज़रूर करें



आप इनमे से एक एक्सरसाइज भी करना शुरू कर देंगे तो मेरा यकीन है की आपके नेगेटिव थॉट्स

की ट्रेन थमने लगेगी. और जब ऐसा होने लगेगा तो आप एक बेहतर मानसिक  स्तिथि में होंगे और…

.. अपनी परेशानियों के जो भी हल सोचेंगे …. वो पहले से ….कहीं  बेहतर होंगे. 

आगे कभी इस विषय पर और बात करेंगे , तब तक आप खूब स्वस्थ रहिये , अपने में परिपूर्ण

रहिये और खूब सकारात्मक रहिये.