Saturday, 29 June 2019

आप आज निराश हैं - शेर बूढा होने पर भी कभी घास नहीं खा सकता

         

शेर बूढा होने पर भी कभी घास नहीं खा सकता


जंगल का शेर अगर बूढ़ा भी हो जाए तो शिकार करना भूलकर घास नहीं खाने लगता। 

उसी प्रकार इंसान के जीवन में कुछ ऐसे पड़ाव आते हैं जब हिम्मत चुकने लगती है, या फिर आप अपना आत्मविश्वास खो देते हैं और जो काम हम पहले आखे बंद करके भी कर सकते थे, जिन चीज़ो में खुद पर पूरा विशवास था अब हर उस काम में डर लगने लगता है। 

तब हमे ये समझ लेना चाहिए कि ये थकान , ये डर क्षणिक हैं और ऐसे निराशा के क्षण हर एक के जीवन में आते हैं।  पर ये एक साइक्लिक फेज है (cyclic phase ) जो कि एक समय बाद गुज़रेगा ज़रूर। तो उसके अंदर इतना नहीं डूब जाना चाहिए कि हमारे अंदर पूरी तरह निराशा ही भर जाए।

हमारी अपनी एक unique skill set होती है जो सब कुछ ख़त्म हो जाने पर भी साथ रहती है और समय पड़ने पर फिर से जागृत हो सृजन कर सकती है।

रुक जाना नहीं तू कहीं हार के ... कांटो पे चलके मिलेंगे साए बहार के ... किशोर कुमार का गया  गीत फिल्म इम्तिहान से
Ruk Jana Nahin Sung by Kishore Kumar from the movie Imtihan

Nirasha depression in hindi

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